शिक्षा और अंधविश्वास

शिक्षा और अंधविश्वास शाब्दिक अर्थ में देखा जाये तो अंधविश्वास का मतलब आँखे बन्द कर के विश्वास कर लेना या बिना कोई सोच विचार के विश्वास कर लेना... तात्पर्य निकाला जा सकता है कि किसी भी विषय को बिना सोचे समझे उस पर विश्वास कर लेना यही "अंधविश्वास" कहलाता है। अंग्रेजी में इसे ही ‘ब्लाइंड फैथ’ (Blind Faith) के नाम से जाना जाता है, सामाजिक तौर पर पुरानी रूढिवादी विचारों से प्रभावित होकर किए जाने वाले कार्यों को जिसमें मुख्य कारण सम्बन्धित विषय में कारण अज्ञात होता है, हम अंधविश्वास कहते हैं। वर्तमान में पूरा समाज शिक्षित है लेकिन शिक्षा के साथ ही अंधविश्वास ने पूरी समाज को भी जकडा हुआ है जिस कारण ही समाज में भिन्न-भिन्न प्रकार की बुराइयाँ पनपने लगी हैं। समाज शिक्षित भलेही है लेकिन रूढ़िवादी परंपरा के कारण विकास से कोसो दूर है। ये सवाल सबसे बडा व विचारनीय है... क्योकि समाज शिक्षित तो है लेकिन अंधविश्वासी भी... तो आइये जानते हैं कब और कैसे मिटेगा अंधविश्वास का अंधेरा? ये मुद्दा थोडा धार्मिक भी है... तो आइये शुरूआत करते है... सबसे पहले...